अर्थ : वह संकल्पना जो किसी शब्द, पद या वाक्य आदि से निकलता है और जिसका बोध कराने के लिए वह शब्द या पद लोक में प्रचलित होता है।
उदाहरण :
कभी-कभी सूरदास के पदों का अर्थ निकालना मुश्किल हो जाता है।
पर्यायवाची : अंतर्भाव, अध्यवसान, अन्तर्भाव, अभिप्राय, अरथ, आकूत, आकूति, आशय, आसय, तात्पर्य, भाव, मतलब, माने, मायने
अर्थ : सोना-चाँदी, ज़मीन-जायदाद आदि संम्पत्ति जिसकी गिनती पैसे के रूप में होती है।
उदाहरण :
धन-दौलत का उपयोग अच्छे कार्यों में ही करना चाहिए।
पर्यायवाची : अरथ, अर्बदर्ब, इकबाल, इक़बाल, इशरत, कंचन, जमा, ज़र, दत्र, दौलत, द्रव्य, धन, धन-दौलत, नियामत, नेमत, पैसा, माल, रुपया-पैसा, लक्ष्मी, वित्त, विभव, वैभव, शुक्र, शेव
अर्थ : वह जिसे इन्द्रियाँ ग्रहण करें।
उदाहरण :
नेत्र का विषय रूप व कान का विषय शब्द है।
पर्यायवाची : अजिर, इंद्रिय विषय, इंद्रियार्थ, इन्द्रिय विषय, इन्द्रियार्थ, पदार्थ, विषय, स्कंध, स्कन्ध
अर्थ : चिह्नों के द्वारा उनसे संबंधित संकेतों का होने वाला ज्ञान।
उदाहरण :
स्वस्तिक शुभ का बोध कराता है।
आपके लेखन से मुझे कुछ भी बोध नहीं हो रहा है।
पर्यायवाची : बोध